जलता होगा चाँद भी तुमको देख कर
खुदा ने क्या करिश्मा बनाया है
परियों से चेहरा है तुम्हारा
सुंदर चितमोहन काया है ।
सोचता हूं क्या है तू
अप्सरा या खुद है तू
जो भी है कमाल है
कसम से
हुस्न की मायाजाल है तू
दिल दरिया आँखे समुन्दर है तेरी
क्या ही सुंदर नाम है
होठ गुलाब सी है तेरी,
तो जुल्फे ढलती शाम है ।
न रोक सका योगी खुद को
लिखने को ये फरमान
खूबसूरत शब्द के जगह मैं लिख दु
ओ लड़की तेरा नाम ।
0 टिप्पणियाँ